आंवला (Indian Gooseberry) के फायदे और उपयोग

आंवला(Indian Gooseberry)

  • आंवला(Indian Gooseberry) को आयुर्वेद में अमृतफल  कहा गया है।वैदिक काल से ही आंवला (phyllanthus emblica) का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है।आंवला विटामिन C के मामले में पहले स्थान पर आता है जो एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है और यह आपको फ्री रेडिकल और टॉक्सिन के हानिकारक प्रभावों के खिलाफ सुरक्षा देता है। इससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है।
  • च्यवनप्राश बनाने में इसका इस्तेमाल प्रधान ओसधि के रूप में किया जाता है । जिसके द्वारा ऐसा माना जाता है की प्रतिरोधक शक्ति बहुत बढ़ जाती है ।कोलेजन उत्पादन के लिए भी आंवला की आवश्यकता होती है जो हमारी त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाए रखता है, और हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट कर देता है।
  • चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार का नाश करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग कप ठीक करने वाली औषधि के लिए आंवला का नाम प्रथम स्थान पर मिलता है। इसी तरह सुश्रुत संहिता में भी आंवला के गुणों के बारे में बताया गया है, इसका मतलब है कि आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है। पाचन संबंधित रोगों और पीलिया के लिए आंवला (Indian gooseberry) का उपयोग किया जाता है।

 

आंवला(Indian Gooseberry) के कुछ उपयोग –

आंवला के साइड इफ़ेक्ट क्या हो सकते हैं?

अगर बात की जाए आंवला के साइड इफेक्ट की तो फिलहाल इसके दुष्प्रभाव पर कोई सटीक जानकारी मौजूद नहीं है। फिर भी हाइपर एसिडिटी वालो के लिए इसका उपयोग सावधानी के साथ ही किया जाना चाहिए ।वहीं, अगर किसी की त्वचा संवेदनशील है तो उन्हें आंवले के इस्तेमाल से कुछ नुकसान झेलने पड़ सकते हैं:

  1. त्वचा पर खुजली
  2. जलन होना
  3. रैशेज की समस्या

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