अपच (Indigestion)
कारण और लक्षण :-
अपच का मुख्य कारण अधिक खाना और समय असमय खाना है। जब किसी मशीन का उसकी क्षमताओं से अधिक उपयोग किया जाता है, तो वह अपना काम ठीक से नहीं कर पाएगी। इसी तरह, पाचन तंत्र से अधिक काम लेने से वे ठीक से काम नहीं कर पाते हैं, यानी वे भोजन को ठीक से नहीं पचा पाते हैं। इसी तरह दिन में सोने और देर रात तक जागने से भी अपच होता है क्योंकि इससे पाचन अंगों के काम में गड़बड़ी होती है।
इस रोग में भोजन न पचने के कारण खट्टी डकारें आती हैं जिसमें खाये हुये पदार्थों की गंध उपस्थित रहती है अजीर्ण के रोगी को उबकाई आती हैं और वमन की इच्छा होती है। छाती में जलन होती है। पेट में भार-सा प्रतीत होता है। पेट में दर्द और गैस बनने की शिकायत भी हो जाती है आलस्य के कारण शरीर सुस्त हो जाता है और कोई भी कार्य करने की इच्छा नहीं होती है
उपचार :-
अजीर्ण रोग में एक ही पथ्य है- उपवास । उपवास रोगी की स्थिति के अनुसार कम या ज्यादा दिन का हो सकता है । उपवास के बाद हल्का भोजन लें जो भूख से सदैव कम ही हो । भोजन ताजा और जल्दी पच जाने वाला होना चाहिये । गरिष्ठ पदार्थों, मिठाइयों, बाजारू चाट-पकौड़ी और तेज मिर्च-मसालों का तो बिल्कुल ही परित्याग कर दें ।
कुछ लोग बहुत अधिक मात्रा में खा लेते हैं । फिर उसके न पचने पर भोजन को पचाने के लिये दवाई खा लेते हैं। इस प्रकार की प्रक्रिया से भोजन अप्राकृतिक रूप से पच तो जाता है लेकिन धीरे-धीरे शरीर को दवाओं की ऐसी आदत पद जाती है की उसके बिना जीना मुश्किल लगने लगता है दूसरी तरफ ये भी होता है की इस तरह से किये गए भोजन का सरीर को लाभ नहीं मिलता है इसलिए काम से काम भोजन खाये और दवाई से बचे ।
- पका हुआ पपीता लाये और उसको सेंधा नमक , काली मिर्च और पीसा जीरा डालकर खाये । इस प्रकार प्रतिदिन करे । इस प्रयोग से एक सप्ताह में ही लाभ हो जाता है और पुराणी से पुराणी कब्ज ठीक हो जाती है और अपच भी मिट जाता है ।
- अदरक पर सेंधा नमक लगाकर खाना खाने से पहले खाये । इस प्रकार भोजन करने से खाना अच्छे से पचता है और अपच नहीं होता ।
- एक छोटी पतली मूली को काटकर उसपर सेंधा नमक लगाकर भोजन करने के बाद खाये । बहुत लाभ होगा ।
- निम्बू को खाना खाने के बाद सेंधा नमक और पीसी काली मिर्च लगाकर चूसना चाहिए । पाचन में फ़ायदा होगा और अजीर्ण ठीक हो जाएगा ।
कुछ प्रसिद्ध आयुर्वेदिक ओषधि निम्न है –
- लवण भास्कर चूर्ण (dabur )- खाना खाने के बाद आधा से एक चम्मच लवण भास्कर चूर्ण पानी के साथ ले।
- कुमारी आसव (baithnath ) – 15ml से 20ml सामान मात्रा में पानी मिलकर दिन में दो बार पानी के साथ ले।
- हाजमोला गोली (dabur) – भोजन करने के बाद 1-2 गोली चूसे।
- झंडू पंचारिस्ट (jandu) -15ml से 20ml सामान मात्रा में पानी मिलकर दिन में दो बार पानी के साथ ले।
- द्राक्षासव (baithnath) -15ml से 20ml सामान मात्रा में पानी मिलकर दिन में दो बार पानी के साथ ले।